मारवाड़ी समझाइश
दूध दही ने चाय चाटगी, फूट चाटगी भायाँ ने इंटरनेट डाक ने चरगी, भैंस्या चरगी गायाँ ने
Read moreदूध दही ने चाय चाटगी, फूट चाटगी भायाँ ने इंटरनेट डाक ने चरगी, भैंस्या चरगी गायाँ ने
Read moreराजस्थान की आन बान और शान की गाथा को गाती ये कवीता सीधा साधा मिनख मानवी,रंग रंगीलो देश.!! घणो
Read moreपानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात! सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!! धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन
Read more(पाथल- महाराणा प्रताप, पीथल- पृथ्वीराज राठौड़* :अकबर के नवरत्नों में से एक) अरे! घास की रोटी भी, जब वन-बिलाव
Read more