चाणक्य नीति – इन तीन लोगों से हमेशा सावधान रहना चाहिए
पुराने समय से ही कहावत चली आ रही है कि स्त्रियों का स्वभाव कोई समझ नहीं सकता है। कई
Read moreपुराने समय से ही कहावत चली आ रही है कि स्त्रियों का स्वभाव कोई समझ नहीं सकता है। कई
Read moreसुरक्षा व्यवस्था की जांच चाणक्य ने सुरक्षा-अधिकारी तथा कुछ सैनिको को साथ लिया, फिर वे स्वयं पूरे महल की जांच
Read moreचाणक्य की कूटनीति के विचित्र रंग अगले ही दिन चारो ओर यह बात फैला दी कि पर्वतेश्वर पौरवराज नदी में
Read moreसेल्यूकस से भेँट चलते-चलते चन्द्रगुप्त और चाणक्य थककर चूर हो गए। प्यास से उनका कंठ भी सूखने लगा। उन्होंने चाणक्य
Read moreघोर अपमान चंद्रगुप्त ने अथितिशाला में चाणक्य को ऊंचे आसन पर बैठाया तथा स्वयं उनके लिए भोजन परोसा। इसके पश्चात
Read moreलम्बे समय बाद हुई अपनों से भेंट अपना संकल्प पूरा कर लेने के बाद चाणक्य अपनी झोपड़ी में लौट गए।
Read moreगांधार में प्रवेश चलते-चलते चाणक्य ने गांधार प्रान्त में प्रवेश पा ही लिया। वहां पहुंचते ही उसका चेहरा खिल उठा।
Read moreअंतिम संस्कार आंधी-तूफान की चिंता किए बिना कौटिल्य दौड़ता-दौड़ता एक अज्ञात स्थान पर जा पहुंचा। पास ही गंगा बह रही
Read moreजब कौटिल्य का बचपन दम तोड़ने लगा राक्षस के आदेश से आचार्य चणक व महामात्य शकटार को बंदी बना लिया
Read moreसुवासिनी दरिद्रता के वातावरण में कौटिल्य धीरे-धीरे बड़ा होने लगा। वह अपने पिता से शिक्षा प्राप्त करता तथा मिटटी के
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